बीटीसी (BasicTrainingCertificate) क्या है और इसे कैसे किया जाता है?
बीटीसी (Basic Training Certificate) एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे अब डीएलएड (Diploma in Elementary Education) के नाम से भी जाना जाता है।यह कोर्स हाल ही में हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसमे प्रथिमिक शिक्षक भर्ती से बी एड को बाहर निकाल दिया गया तभी से बीटीसी कोर्स का क्रेज और बढ़ गया ।यह कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए है जो प्राथमिक स्तर पर शिक्षक बनना चाहते हैं। बीटीसी कोर्स का उद्देश्य छात्रों को प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक) के लिए योग्य शिक्षक बनाना होता है। यह कोर्स उन लोगों के लिए खास तौर पर बनाया गया है जो शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
बीटीसी कोर्स का विवरण
1. बीटीसी क्या है?
बीटीसी एक डिप्लोमा कोर्स है जिसे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को शिक्षण के लिए तैयार करना है। इसे पूरा करने के बाद उम्मीदवार सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
2. कोर्स की अवधि:
बीटीसी (डीएलएड) कोर्स की अवधि 2 साल की होती है। यह कोर्स 4 सेमेस्टर में बंटा होता है। इस दौरान उम्मीदवारों को शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक विकास की जानकारी दी जाती है ताकि वे बच्चों को अच्छे से पढ़ा सकें।
3. योग्यता:
उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना आवश्यक है।
जनरल श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 50% अंकों की आवश्यकता होती है, जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा 45% है।
उम्मीदवार की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
4. प्रवेश प्रक्रिया:
बीटीसी में प्रवेश लेने के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा होती है। कुछ राज्यों में मेरिट के आधार पर भी चयन किया जाता है। इसके लिए उम्मीदवार को राज्य के शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
5. कोर्स की फीस:
सरकारी संस्थानों में बीटीसी की फीस 10,000 से 15,000 रुपये प्रति वर्ष हो सकती है, जबकि निजी संस्थानों में यह फीस 40,000 से 1,00,000 रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है। फीस की राशि संस्थान और राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है।
बीटीसी कोर्स के बाद नौकरी की संभावनाएं
1. प्राथमिक शिक्षक:
बीटीसी करने के बाद आप प्राथमिक स्कूल (कक्षा 1 से 5 तक) में शिक्षक के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको राज्य या केंद्र सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण करनी होगी।
2. उच्च प्राथमिक शिक्षक:
बीटीसी कोर्स पूरा करने के बाद आप उच्च प्राथमिक स्कूल (कक्षा 6 से 8 तक) में भी शिक्षक के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
3. सरकारी शिक्षक:
बीटीसी के बाद आप सरकारी शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षाओं को पास करना होगा।
4. निजी विद्यालयों में शिक्षक:
बीटीसी करने के बाद आप प्राइवेट स्कूलों में भी बतौर शिक्षक काम कर सकते हैं। निजी स्कूलों में सैलरी सरकारी स्कूलों के मुकाबले कम हो सकती है, लेकिन अनुभव के साथ इसमें बढ़ोतरी होती है।
5. शिक्षा सलाहकार (Education Consultant):
बीटीसी कोर्स करने के बाद आप विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में शिक्षा सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं। यह एक ऐसा पद होता है जहां आप विद्यालयों और शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सुझाव देते हैं।
वेतनमान (Salary):
सरकारी स्कूलों में बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षक का वेतनमान 25,000 से 35,000 रुपये प्रति माह हो सकता है, जबकि निजी स्कूलों में यह वेतनमान 15,000 से 25,000 रुपये प्रति माह हो सकता है। वेतनमान अनुभव, स्कूल और स्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
निष्कर्ष:
बीटीसी (या डीएलएड) एक महत्वपूर्ण कोर्स है जो प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह कोर्स उन्हें शिक्षण के सिद्धांतों और व्यवहारिक पहलुओं से परिचित कराता है। बीटीसी कोर्स के बाद, आप एक सरकारी या निजी शिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में एक उज्ज्वल करियर बना सकते हैं।